डॉक्टरों ने महिलाओं और युवाओं में फेफड़ों के कैंसर के मामलों में वृद्धि देखी है:
Lung Cancer के बारे में डॉक्टरों ने बताया है कि महिलाओं और युवाओं में कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है। इसका कारण कम उम्र में धूम्रपान, एस्बेस्टस का संपर्क, यातायात और जीवाश्म ईंधन से होने वाला प्रदूषण, और घर के अंदर खाना पकाने वाली गैस हो सकते हैं।
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सम्प्रदा मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर राधेश्याम नाइक ने कहा कि 80% से ज्यादा Lung Cancer धूम्रपान से होते हैं। धूम्रपान की अवधि और प्रति दिन सिगरेट की संख्या से जोखिम बढ़ता है। कम उम्र में धूम्रपान करने से खतरा ज्यादा होता है। एस्बेस्टस जैसे हानिकारक पदार्थों के संपर्क से भी Lung Cancer होता है। अन्य कारणों में निष्क्रिय धूम्रपान, यातायात प्रदूषण, और घर के अंदर खाना पकाने के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग शामिल हैं।
सलाहकार डॉक्टर शिवचरण पी.वी. ने बताया कि हर 100,000 लोगों में से 5.6 लोगों को Lung Cancer होता है। यह सभी कैंसर के मामलों का 5.9% और कैंसर से होने वाली सभी मौतों का 8% है। सबसे ज्यादा मामले 55-64 साल की उम्र के लोगों में पाए जाते हैं। Lung Cancer के करीब 20-25% मरीज 5 साल या उससे ज्यादा जीवित रहते हैं, जबकि सिर्फ 10-15% मरीज 10 साल या उससे ज्यादा जीवित रहते हैं।
सम्प्रदा मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टर अजय जीवी ने कहा कि फेफड़ों के कैंसर से निपटने के लिए सरकार और समाज को धूम्रपान छोड़ने के कार्यक्रम चलाने चाहिए। धूम्रपान करने वालों की नियमित जांच होनी चाहिए। डॉक्टरों को भी हर फेफड़ों की समस्या वाले मरीज को कैंसर का संभावित मरीज मानकर इलाज करना चाहिए।
As-per: Economic Times of India.
सन्दर्भ (References):
- Economic Times of India [https://health.economictimes.indiatimes.com/news/industry/surge-in-cases-of-lung-cancer-among-women-and-young-people-doctors/112134386-Website]
- फेफड़ों के कैंसर [https://www.cancer.gov/types/lung-NCI]