Lungs

Doctor ka kehna hai ki india me Lungs ki bimari anumaan se khi adhik hai

भारत में डॉक्टरों का मानना ​​है कि देश में फेफड़ों की बीमारियाँ हाल के लैंसेट अध्ययन के अनुमान से कहीं अधिक हैं:

भारतीय डॉक्टरों का कहना है कि वायु प्रदूषण और तंबाकू के कारण भारत में Lungs की बीमारियाँ लैंसेट के अनुमान से भी अधिक हो सकती हैं। इस्केमिक हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह और COPD जैसी बीमारियाँ भी प्रमुख कारण बनी रहेंगी। इस्केमिक हृदय रोग में, खून की नलियाँ सिकुड़ने से रक्त प्रवाह कम हो जाता है।


अध्ययन में अनुमान लगाया गया कि दुनिया भर में पुरुष और महिलाएं क्रमशः पांच और चार साल तक अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं। खराब जीवनशैली और तनाव दिल की बीमारियों को प्रमुख समस्या बनाए रखेंगे। दिल की रुकावट के कारणों को समझना जरूरी है, ताकि समाधान निकाला जा सके। भारत में वायु प्रदूषण, धूम्रपान, और संक्रामक रोगों के कारण फेफड़ों की बीमारियाँ अधिक हो सकती हैं।


संक्रामक रोगों के साथ-साथ नई बीमारियाँ जैसे Lungs का कैंसर बढ़ रहा हैं। वायु प्रदूषण और तंबाकू का सेवन COPD मृत्यु दर को बढ़ाते हैं। वायु प्रदूषण, इनडोर बायोमास ईंधन, और बचपन में फेफड़ों का खराब विकास प्रमुख जोखिम कारक हैं। निवारक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।

जैसे-जैसे लोग बड़े होते हैं, COPD का खतरा बढ़ता है और धूम्रपान इसका मुख्य कारण है। भारत में औसत आयु 30 वर्ष से कम है, इसलिए COPD का मौजूदा स्तर इसका शुरुआती चरण हो सकता है।

As-per: Economic Times of India.

सन्दर्भ (References):

  1. Economic Times of India [https://health.economictimes.indiatimes.com/news/industry/burden-of-lung-diseases-in-india-likely-much-higher-than-lancet-studys-projection-doctors/111902287-Website]